Sunday, March 6, 2011

The Govt. attack on Sadhvi Pragya and Hindu Saints is nothing but a well planned conspiracy against Nationalism.


साध्वी प्रज्ञा एवं संत समाज पर सरकारी हमले -एक सुनियोजित षड़यंत्र 



Sadhvi Pragya Singh Thakur has alleged that
Anti-Terrorism Squad has tortured her in the custody.
ए टी एस और सीबीआई जैसी ख़ुफ़िया जांच एजेंसियाँ यथार्थतः सरकार के हाथों की खिलौना मात्र बनकर रह गयी हैं ! इनका जांच हमेशा ही राजनीति प्रेरित होता है ! फलतः ये सरकारों के इशारे के अनुसार ही अपना सारा जाँच कार्य चलाते हैं ! और जब इनके राजनितिक आका इन्हें संकेत करते हैं तब जांच बंद भी हो जाता है ! सरकारी इशारे पर ही मनु शर्मा का केश सीबीआई ने क्लोज कर दिया था ! और अब क्वात्रोची का केश भी बंद कर दिया गया है ! इन घटना क्रमों पर ध्यान देने से मुझे तो लगता है की साध्वी के विरूद्ध चलने वाला यह मुक़दमा झूठा है ! जान-बुझ कर एक हिन्दू संत को बदनाम करने की राजनीति के तहत इन जांच एजेंसियों का राजनितिक दुरुपयोग हो रहा है !

अब प्रश्न उठता है की आखिर सरकारों की ऐसी क्या मजबूरी है इस प्रकार की घिनौनी राजनीति करने की? जबाब सीधा, सरल और साफ़ है ! भारत दुनियाँ का सबसे मजबूत खुला हुआ बाजार है ! और ऐसा बाजार जहाँ लूटने की पूरी छूट है ! कोई भी यहाँ आ सकता है ! किसी भी रास्ते से आ सकता है ! कभी भी आ सकता है ! कई रास्ते हैं ! अगर सीधा रास्ता ना मिले तो मौरीसस के रास्ते से आ सकता है ! भारत को लूटो ! लूट का एक हिस्सा यहाँ के नेताओं के विदेशी बैंको के खाते में जमा कराओ और जब चाहो तब लूट का माल झोली में भरकर वापस चले जाओ ! अब इस मामले में थोडा सा लोचा है ! दूसरी तरफ इस देश का साधु संत देश भक्त है ! धर्म प्राण जनता भी देश भक्त है ! देश सेवा का व्रत लेकर देश का काम करने वाले कई लोग और संगठन हैं ! ये सारी शक्तियां इनके भ्रष्ट-तंत्र के कारिंदों के राह का रोड़ा हैं ! इनके जीते जी यह सारा भ्रष्टाचारी आंखमिचौली का खेल निर्वाध गति से नहीं चल सकता है ! इसीलिए इन्होने हिन्दू आतंकवाद का हौवा खड़ा करके सबसे पहले भारत के संत समाज को टारगेट किया है ! बाद में इनको लगा कि हिन्दू नाम का उपयोग नुकसानदेह साबित हो रहा है ! तब शब्द परिवर्तन करके भगवा आतंकवाद नाम दिया गया इस मुहीम को ! 

इस मुहीम कि शुरुआत हुई ''काँची काम कोटि पीठाधिश्वर पूज्य स्वामी जगद्गुरु शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी महाराज'' की गिरफ्तारी से ! और देखिये, समझने की बात है कि जब सारा हिन्दू समाज दिया जलाकर, पटाखे फोड़कर दीपावली की खुशियाँ मना रहा था तब हिन्दू समाज के शीर्ष धार्मिक गुरु की गिरफ़्तारी होती है मनगढ़ंत आरोपों के आधार पर ! हिन्दू समाज को हतोत्साहित एवं अपमानित करने का पूरा षड़यंत्र था यह स्टंट ! सीबीआई कई वर्षों के जांच के पश्चात् भी एक भी आरोप तय नहीं कर पाई जगद्गुरु के विरूद्ध ! जब कि गिरफ़्तारी के तुरंत बाद देश के कई शीर्ष नेताओं का बयान आने लगा था की स्वामी ने सारा अपराध कबूल कर लिया है ! जब अपराध कबूल कर लिया था फिर अपराधों के समर्थन में सीबीआई को साक्ष्य क्यों नहीं मिले ? सीधी सी बात है, जिन नेताओं ने बड़ा उतावलापन और जल्दीबाजी दिखाई स्वामी जी की निंदा करने में उन सब लोगों का देशभक्त स्वामी जी के खिलाफ षड़यंत्र थी यह गिरफ़्तारी ! बाद में क्रमानुसार कई संतों के खिलाफ सीधा आक्रमण हुआ ! कई संतों पर एक के बाद एक मुकदमे थोपे गए ! उनको जेल में डाला गया ! उनके देश भक्ति का इनाम दिया गया उनको प्रताड़ित करके ! लेकिन संत तो संत होता है ! संतों का मन कोमल एवं संवेदनशील जरुर होता है परन्तु थोड़े आघातों से टूट जाए इतना कमजोर नहीं होता है ! संत इस देश कि ताकत है ! और इस ताकत को तोड़ने का भरपूर प्रयत्न हो रहा है ! इस प्रयत्न में स्वामी लक्ष्मानंद जी कि उड़ीसा में हत्या हुई ! स्वामी आशा राम बापू पर मुकदमे चलाये गए ! बाबा रामदेव पर दवाओं में जानवरों की हड्डियाँ मिलाने के आरोप लगाये गए ! अभी स्वामी असीमानंद जी कि गिरफ्तारी हुई ! और अब फिर से बाबा रामदेव पर हमला करते हुए उन्हें ब्लडी इंडियन डौग कहा गया ! इसी प्रयत्न कि एक कड़ी है साध्वी प्रज्ञा पर चलाया जा रहा यह मुक़दमा ! 

ध्यातव्य है की कई आतंकवाद की घटनाओं से सम्बंधित जांच का कार्य बहुत ही धीमा चल रहा है ! शायद ठीक-ठीक कहें तो वो जांच लगभग बंद है ! कुछ उदाहरण दे रहा हूँ ! ११ जुलाई २००६ को मुम्बई की लोकल ट्रेनों में हुए श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों, जिनमें  सैकड़ों लोग मारे गए, पर जांच कार्य धीमी क्यों है ? ३ मई २००८ को जयपुर में विस्फोट, १ जनवरी, २५ मार्च व ६ अप्रैल २००९ को गुवाहाटी में हुए विस्फोट, २९ अक्टूबर २००५ को दिल्ली के बाजारों में हुए श्रृंखलाबद्ध विस्फोट के केश क्यों अनसुलझे पड़े हुए हैं ? जांच एजेंसियों की सारी उर्जा केवल संतों के विरूद्ध दुरुपयोग हो रही है ! इसे  समझने की जरुरत है !  

 लगातार एक सुनियोजित रणनीति के तहत गैरजिम्मेवार तरीके से देश के तमाम श्रद्धा केन्द्रों एवं राष्ट्रीय मानविन्दुओं पर हमले हो रहे हैं ! राष्ट्र के धरोहरों पर सरकारी इशारे पर होने वाले हमले बताते हैं कि यह सरकार देशी नहीं विदेशी इशारे पर चल रही है ! देश के सभी देश भक्त जनता को इन तमाम बातों को समझने कि जरुरत है ! हम देश के भले के लिए साथ-साथ खड़े हों यह समय आ गया है ! जागो भारत जागो ! भारत माता अपने पुत्रों को उम्मीद भरी निगाहों से निहार रही है ! जागो मित्रों जागो !  

''देखो वीर जवानों देखो खून पे ये इल्जाम ना आये !
 माँ न कहे कि वक्त पड़ा तो मेरे बेटे काम ना आये !!
   

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