Sunday, July 15, 2012

Secular and Muslims: What do they want actually? सेकुलर और मुसलमान क्या चाहते हैं ?



सेकुलर और मुसलमान क्या चाहते हैं ? 

सत्‍यवादी
प्रस्‍तुति: डॉ0 संतोष राय

सेकुलर शब्द विदेश से आयातित और सबसे अधिक भ्रामिक शब्द है .इसलिए भारत की किसी भी भाषा में "सेकुलर " के लिए कोई समानार्थी और पर्यायवाची अर्थ नहीं मिलता है .लेकिन कुछ चालाक लोगों ने हिंदी में " सेकुलर " का अर्थ " धर्मनिरपेक्ष " शब्द गढ़ दिया था .यदपि इस शब्द का उल्लेख न तो किसी भी धर्म के ग्रन्थ में मिलता है और न ही इसकी कोई परिभाषा कहीं मिलती है .और फिर जब " सेकुलर "शब्द का विपरीत शब्द " सम्प्रदायवादी "बना दिया गया तो यह शब्द एक ऐसा अमोघ अस्त्र बन गया कि अक्सर जिसका प्रयोग हिन्दुओं प्रताड़ित उनको अपराधी साबित करने ,उन पर पाबंदियां लगाने के लिए किया जाने लगा .
इसका परिणाम यह हुआ कि खुद को सेकुलर बताने वाला बड़े से बड़ा अपराधी , और भ्रष्टाचारी लोगों की दृष्टि में दूध का धुला बन गया .और मोदी जैसे हजारों देशभक्त अपराधी लगने लगे .बड़े आश्चर्य की बात तो यह है कि इमाम बुखारी जैसे अनेकों कट्टर मुस्लिम नेता भी " सेकुलरिज्म " की वकालत करने लगे .सेकुलरों और मुसलमानों के इस नापाक गठबंधन का रहस्य समझने के लिए कुरान का सहारा लेना जरुरी है ,

1-सेकुलरों के लक्षण 
यद्यपि न तो अरबी में सेकुलर के लिए कोई शब्द है , और न कुरान में सेकुलर लोगों का उल्लेख है , लेकिन कुरान में सेकुलरों के जो लक्षण बताये हैं वह वर्त्तमान सेकुलर नेताओं पर सटीक बैठते है ,
"जब यह लोग मुसलमानों के साथ मिलते हैं , तो उन से कहते है कि हम भी ईमान वाले हैं . और जब एकांत में अपने नेताओं से मिलते हैं ,तो उन से कहते हैं कि हम तो तुम्हारे साथ है .हम तो मुसलमानों से मजाक करते हैं " सूरा -बकरा 2 :14 
"हे नबी यह मुनाफिक ( सेकुलर ) जब तुम्हारे पास आते हैं ,तो कहते हैं कि हम मानते हैं कि आप अल्लह के रसूल हो . लेकिन यह लोग सभी के सभी झूठे हैं "
सूरा -अल मुनाफिकून 63 :1 
" यह लोग कसमें खाते हैं कि हम तो तुम्हीं में से हैं .जबकि वह किसी के साथ नहीं होते हैं " सूरा -तौबा 9 :56 
कुरान में बताये यह सभी लक्षण उन सेकुलरों में मिलते हैं , जिनको कुरान में " मुनाफिक مُنافق" यानि Hypocretes "और हम दोगला कह सकते हैं .ऐसे लोग किसी के मित्र नहीं होते .


2-मुसलमानों की नीति 

मुसलमान अपने स्वार्थ के लिए सेकुलरों का सहयोग करते है ,लेकिन कुरान के इन आदेशों का पालन करते हैं , जैसे ,'
" तुम अपने धर्म के अनुयाइयों के अलावा किसी किसी पर भी विश्वास नहीं करो 
"सूरा - आले इमरान 3 :73 
" तुम अपने लोगों के आलावा किसी को भी अपनी गुप्त योजनाओं के बारे में सच नहीं बताओ " सूरा -आले इमरान 3 : 318 
" समझ लो कि यह सब काफ़िर एक दूसरे के संरक्षक और मित्र हैं "सूरा-अल अनफाल 8 :73 
( अर्थात सभी काफ़िर एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं )
" तुम इन काफिरों और मुनाफिकों का आदेश कभी नहीं मानना " सूरा अल अहजाब 33 :1
"तुम इन दोगली बातें बोलने वालों का कहना नहीं मानना .यह तो चाहते ही कि तुम किसी भी तरह से अपने इरादों में ढीले पड़ जाओ .और उनकी बातों में फंस जाओ " सूरा -अल कलम 68 : 8 -9 
" तुम कभी दोगले लोगों के बहकावे में नहीं आना " सूरा -अद दहर 76 :24 

3-मुसलमानों का ढोंग 
जो मुस्लिम नेता सेकुलर होने का पाखंड करते हैं ,और यह कहते हैं कि हम तो सभी लोगों को समान मानते हैं . और सबकी भलाई चाहते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि मस्जिदों में नमाज के बाद ऐसी दुआएं मांगी जाती है , जैसे ,
"ईमान वालों के लिए उचित नहीं है कि वे मुशरिकों ( मूर्ति पूजकों ) की भलाई के लिए क्षमा ,प्रार्थना करें , चाहे वह उनके मित्र या रिश्तेदार ही क्यों नहीं हों .क्योंकि यह भड़कती हुई आग वाली जहन्नम में जाने वाले हैं " सूरा -तौबा 9 :113 

"
مَا كَانَ لِلنَّبِيِّ وَالَّذِينَ آمَنُوا أَنْ يَسْتَغْفِرُوا لِلْمُشْرِكِينَ وَلَوْ كَانُوا أُوْلِي قُرْبَى مِنْ بَعْدِ مَا تَبَيَّنَ لَهُمْ أَنَّهُمْ أَصْحَابُ الْجَحِيمِ " Sura Taubah -. (9:113)

"हमें काफ़िरों के मुक़ाबिले में नुसरत अता फ़रमा।"सूरा - बकरा 2 :250 

" وَانصُرْنَا عَلَى الْقَوْمِ الْكَافِرِينَ
अब काफ़िरों के मुक़ाबिले में हमारी मदद फ़रमा।"सूरा - बकरा 2 :286 

"فَانصُرْنَا عَلَى الْقَوْمِ الْكَافِرِينَ"

"काफ़िरों के मुक़ाबिले में हमारी मदद फ़रमा। "आलि इमरान 3: 147

" وانصُرْنَا عَلَى الْقَوْمِ الْكَافِرِينَ "

यह और ऐसी कुरानी दुआएं नमाज के साथ और बाद में की जाती हैं ,इन से मुसलमानों के इरादों का पता चलता है .

4-मुसलमानों का लक्ष्य 

आज सेकुलर और मुसलमान इसलिए साथ है ,क्योंकि सेकुलर मुसलमानों के वोटों से अपनी सत्ता बचाए रखना चाहते हैं . और मुसलमान सेकुलरों के सहारे इस देश में इस्लामी राज्य की स्थापना करना चाहते है .जैसा कि कुरान में कहा है .
" तुम गैर मुस्लिमों से तब तक युद्ध करते रहो , जब तक उनका सफाया न हो जाये , और अल्लाह का धर्म ही बाकी रह जाये "
सूरा -बकरा 2 :193 

इन तथ्यों से सिद्ध होता है कि मुसलमान सेकुलरों का साथ तबतक देते रहेंगे जब तक उनकी संख्या इतनी कि अधिकांश प्रान्तों में उनकी सरकारें बन जाएँ .और यदि ऐसा हो गया तो मुसलमान इन सेकुलरों को भी नहीं छोड़ेंगे .
याद रखिये जिन मुसलमान बादशाहों ने हुमूकत के लिए अपने बाप , और मुहम्मद के परिवार के लोगों जिन्दा नहीं छोड़ा वह मुनाफिक सेकुलर लोगों को कैसे जिन्दा रहने देंगे ?


1 comment:

  1. MERE BHAI TUMARE JAISE LOG AISA BHASAN DE KAR JANTA KO BHARKA DETE HAI AUR JANTA APAS ME LAR PARTI HAI AAJ INSANIT TO INDIA SE KHATAM HI HO GAI HAI YE KOI HINDU YA MUSLIM KE LEY NAHAI HAI INDIA ME TO SARE SAMAJ KE LOGO KA YE HAAL HAI JAHA EK SAMAJ KE LOG JYADA HOTE HAI VHA DANGA KISI BHI BAT KO LEKAR HO JATA HAI KUCH TUM JESE LOG BHASAN DE KAR JANTA KO BHARKA DETE HAI SAPOS KARO TUMARA GHAR GUJRAT ME YA ASSAM ME HOTA TUME MALOOM HOTA DANGA KYA HOTA HAI JIS KE GHAR BARBAD HUA HI US KO PATA HAI CHAIE VO MUSLAMN HO YA FIR HINDU HO JIS KA BHI GHAR JALA USKE ANKH ME ASNU HAI TUM NE TO APNE GHAR ME BHET KAR YE SAB LIKH DIYA AUR APNE MATA PITA KE SATH KHANA KHAKAR SO GAIE TUMARE ANDAR KI INSANIYAT KHANA GAI TUM IS PARKAR KE DANGE KO SAMAPT KARNE KI BAJAYE BHASAN DEKAR BHARKA RAHE HO APNE ANDAR KE INSAN SE PUCHO ABHI JINDA HAI YA MAR GAYA HAI HO SAKE TO DANGE VALE BHASAN BAND KARKE HELP KARO INSANIYAT KE NATE AUR BHAI CHARA BANAO

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