बयान से पलटा असीमानन्द
New Delhi: In a significant development, Swami Aseemanand, who is under scanner for his role in Ajmer, Mecca masjid, Malegaon and the Samjhauta Express blasts, has retracted his previous confessional statement, saying it was "coerced".
Aseemanand is also believed to have informed the court that he was also threatened and being forced to become a government witness in the case.
अजमेर। गरीब नवाज की दरगाह, मक्का मस्जिद, मालेगांव और समझौता एक्सप्रेस में धमाके की साजिश रचने का अदालत को कबूलनामा सौंपने वाला स्वामी असीमानंद अपने बयान से पलट गया है।
मंगलवार यहां सुनवाई के दौरान उसने राष्ट्रीय अनुसंधान एजेंसी (एनआईए) और आतंककारी निरोधक प्रकोष्ठ (एटीएस) पर शारीरिक एवं मानसिक दबाव डाल मन-मुताबिक बयान लिखवाने का आरोप लगाया है। उसने इस संबंध में अदालत को एक पत्र भी सौंपा। पत्र में उसने तमाम लिखित अपराध स्वीकारोक्ति और वादा माफ गवाह (सरकारी गवाह) बनने का प्रार्थना पत्र जांच एजेंसियों के दबाव में लिखना बताया है। साथ ही उसने सरकारी गवाह बनने की अर्जी निरस्त करने का अनुरोध किया।
उसने आरोप लगाया कि दिल्ली और पंचकुला में बयान से पूर्व जांच एजेंसियों ने उनके मुताबिक बयान नहीं देने पर विभिन्न मामलों में उसे और परिजन को फंसाने की धमकी दी। दिल्ली में बयान से पूर्व अनुसंधान अधिकारी अदालत कक्ष के बाहर मौजूद रहा। राजस्थान एटीएस ने डर दिखा उसे वादा माफ गवाह बनने की अर्जी लिखने के लिए मजबूर किया।
नहीं करने दिया वकील
स्वामी असीमानंद ने जांच एजेंसियों पर यह आरोप भी लगाया कि उसे अपने बचाव में वकील नहीं करने दिया जा रहा। जांच एजेंसियों ने धमकी दी है कि जैसा बताया जाए, बस वैसे बयान देते रहो। वकील करने की जरूरत नहीं है।
राष्ट्रपति को भी चिट्ठी
असीमानंद के अनुसार राष्ट्रपति को भी उसने जांच एजेंसियों के दबाव में अपराध स्वीकारोक्ति का पत्र लिखा है। यह पत्र उसने अंग्रेजी में लिखना बताया है।
सुनवाई 8 अप्रेल को
एटीएस एक बार फिर स्वामी असीमानंद एवं अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश नहीं कर सकी। आरोप पत्र के लिए एटीएस ने पुन: समय मांगा है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रेल को मुकर्रर की है।
मंगलवार यहां सुनवाई के दौरान उसने राष्ट्रीय अनुसंधान एजेंसी (एनआईए) और आतंककारी निरोधक प्रकोष्ठ (एटीएस) पर शारीरिक एवं मानसिक दबाव डाल मन-मुताबिक बयान लिखवाने का आरोप लगाया है। उसने इस संबंध में अदालत को एक पत्र भी सौंपा। पत्र में उसने तमाम लिखित अपराध स्वीकारोक्ति और वादा माफ गवाह (सरकारी गवाह) बनने का प्रार्थना पत्र जांच एजेंसियों के दबाव में लिखना बताया है। साथ ही उसने सरकारी गवाह बनने की अर्जी निरस्त करने का अनुरोध किया।
उसने आरोप लगाया कि दिल्ली और पंचकुला में बयान से पूर्व जांच एजेंसियों ने उनके मुताबिक बयान नहीं देने पर विभिन्न मामलों में उसे और परिजन को फंसाने की धमकी दी। दिल्ली में बयान से पूर्व अनुसंधान अधिकारी अदालत कक्ष के बाहर मौजूद रहा। राजस्थान एटीएस ने डर दिखा उसे वादा माफ गवाह बनने की अर्जी लिखने के लिए मजबूर किया।
नहीं करने दिया वकील
स्वामी असीमानंद ने जांच एजेंसियों पर यह आरोप भी लगाया कि उसे अपने बचाव में वकील नहीं करने दिया जा रहा। जांच एजेंसियों ने धमकी दी है कि जैसा बताया जाए, बस वैसे बयान देते रहो। वकील करने की जरूरत नहीं है।
राष्ट्रपति को भी चिट्ठी
असीमानंद के अनुसार राष्ट्रपति को भी उसने जांच एजेंसियों के दबाव में अपराध स्वीकारोक्ति का पत्र लिखा है। यह पत्र उसने अंग्रेजी में लिखना बताया है।
सुनवाई 8 अप्रेल को
एटीएस एक बार फिर स्वामी असीमानंद एवं अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश नहीं कर सकी। आरोप पत्र के लिए एटीएस ने पुन: समय मांगा है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 8 अप्रेल को मुकर्रर की है।
असीमानंद का ‘यू टर्न’, कहा- नहीं बनना चाहा सरकारी गवाह | ||
अजमेर. दरगाह समेत देश के अन्य हिस्सों में हुए बम ब्लास्ट के मास्टर माइंड बताए जा रहे स्वामी असीमानंद उर्फ नबकुमार सरकार ने मंगलवार को यह कहकर सनसनी फैला दी कि जांच एजेंसियों ने उस पर दबाव डाल कर कबूलनामा करवाया था। असीमानंद ने सीबीआई, एआईए और राजस्थान एटीएस पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। असीमानंद ने सीजेएम आरएल मूंड के समक्ष अर्जी दायर कर कहा कि उसकी ओर से दरगाह ब्लास्ट में अप्रूवर (सरकारी गवाह) बनने के लिए जो चि_ी दी गई है, उसे वह वापस लेना चाहता है। असीमानंद का कहना है कि एटीएस ने दबाव डालकर उसे अप्रूवर बनाने का प्रयास किया है। अदालत ने अर्जी पर सुनवाई के लिए 8 अप्रैल की पेशी तय की है। | उमा भारती को नेही मिलने दिया मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनशक्ति पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष उमा भारती को जिला प्रशासन ने दरगाह व अन्य धमाकों के आरोपी असीमानंद से मुलाकात की इजाजत नहीं दी। उमा ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में बताया कि असीमानंद के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी के लिए वे उनसे मिलना चाहती थीं। 27 मार्च को जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर कानूनी रूप से मुलाकात की अनुमति मांगी थी। मौखिक अनुमति के आधार पर वे यहां आईं थीं। बाद में जेल प्रशासन ने बताया कि जिनकी ट्रायल चल रही होती है, उनकी सप्ताह में एक बार ही मुलाकात निश्चित होती हैं। उमा ने कहा, वे शीघ्र ही फिर से असीमानंद से मिलने आएंगी। |
Aseemanand says confession was coerced
New Delhi: In a significant development, Swami Aseemanand, who is under scanner for his role in Ajmer, Mecca masjid, Malegaon and the Samjhauta Express blasts, has retracted his previous confessional statement, saying it was "coerced".
According to reports, the right-wing spiritual leader has made a submission before a court in Ajmer that he was mentally and physically pressurized by the investigating agencies to 'confess' that he was the man behind those blasts.
Aseemanand is also believed to have informed the court that he was also threatened and being forced to become a government witness in the case.
He is said to have pleaded before the court to reject his previous application in which he had wished to become a witness in the Ajmer blast case, while deposing that he had no intentions whatsoever to turn approver in the case.
Besides, Aseemanand, three other accused in the Ajmer blast probe -Harshad Solanki, Bharat Rateshwar and Mukesh Vasani- were produced before the Ajmer court last Tuesday.
In his letter, Aseemanand has accused the Rajasthan ATS (handling the case so far) of ill-treatment as he was not allowed to hire a lawyer to defend him.
If reports are to be believed, Aseemanand has also sent a written appeal to the President about his alleged harassment by investigators.
The development has added a new twist to the ongoing probe into the Ajmer blast and complicated things for the ATS, which has so far failed to file a charge sheet against Assemanand and the other accused.
Instead, the ATS has also asked the court for giving time till April 8 to file charge sheet against the accused.
Meanwhile, the Rajasthan government had decided to hand over the investigation into the Ajmer dargah blast case to the National Investigation Agency (NIA).
However, the Rajasthan ATS declined to comment. A senior official said the investigation was genuine and that they did not want to comment about Aseemanand's application to the court.
“Aseemanand told the court that the CBI and NIA put pressure on him to confess his role in the blasts, and allegedly threatened to "fix" him in false cases and put his "family in jail", some senior lawyers were quoted as saying.
Aseemanand had, in his previous confessional statement to the CBI, accepted his role and exposed the intricate network of people and groups responsible for the series of blasts in Malegaon, Ajmer, the Samjhauta Express and Mecca Masjid in Hyderabad.
आभार : दैनिक भास्कर, पत्रिका डट् कम एबं ज़ी निउज़्
Courtesy : Danik Bhaskar | Patrika dot com | Zee News,,,,,,,,,,,,,,,,,.............,,,,,,,,,,,,,,
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In the name of Saffron Terrorism, they want to jail the Monks doing best for the Hindu Society. Please don't forget this Great Saint Aseemananda who has changed the scenario of Dangs in Gujrat and unmasked the Evangelists in India.
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